मैं नासमझ ही🔸 सही पर वो तारा हूं
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिए 🔸सौ बार टूंट जाऊँ!
आज खुदा ने मुझसे🔸 कहा भुला क्यों नहीं देते उसे,
मैंने कहा इतनी फिक्र है 🔸तो मिला क्यों नहीं देते!
तेरे सिवा किसी 🔸और की चाहत नहीं,
तेरे सिवा किसी और 🔸से मोहब्बत नहीं!
तुम कुछ भी 🔸सोचो मेरे बारे में,
पर ये दिल तुम्हें याद किये 🔸बिना धड़क नहीं सकता!
तुम किसी के भी 🔸बनकर रहो पर,
मेरे लिए तुम हमेशा मेरे 🔸ही रहोगे!