शेर 🔸को “जगह और वक़्त” से कुछ 🔸लेना-देना नहीं होता,
शेर जिस वक़्त जहा भी🔸 होता है, वहा राजा ही 🔸होता है..!!
मान लिया कि तु 🔸शेर है पर जादा उछल मत,
हम भी 🔸शिकारी है ठोक देंगें।
कुछ लोग 🔸मिलके कर रहे है मेरी बुराई,
तुम बेटे इतने सारे और मै 🔸अकेला मचा रहा हूँ तबाही।
पगली तेवर🔸 और जेवर संभाल कर रखने की चीज है,
यू बात बात पर किसी को दिखाये🔸 नहीं जाते..!!
बड़ी से बड़ी🔸 हस्ती मिट गयी मुझे झुकाने मे
बेटा तू तो कोशिश भी मत🔸 करना
तेरी उम्र गुजर🔸 जायगी मुझे गिराने मे।
हर किसी के हाथ में बिक🔸 जाने को हम तैयार नहीं,
ये हमारा दिल है तेरे शहर का 🔸अख़बार नहीं