Rahat Indori Life Shayari

Rahat Indori Life Shayari
Rahat Indori Life Shayari

जुबां तो खोल, 🔸नजर तो मिला, जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ, ज़िंदगी 🔸हिसाब तो दे

फूलों की दुकानें🔸 खोलो, खुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है तो, ये खता 🔸एक बार नहीं, सौ बार करो
बहुत हसीन🔸 है दुनिया
आँख में पानी रखो होंटों🔸 पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो 🔸तरकीबें बहुत सारी रखो

बहुत ग़ुरूर है दरिया🔸 को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से 🔸उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
मैं बच 🔸भी जाता तो…
किसने दस्तक दी, दिल🔸 पे, ये कौन है
आप तो 🔸अन्दर हैं, बाहर कौन है

मेरा नसीब, मेरे हाथ 🔸कट गए वरना
मैं तेरी माँग में 🔸सिन्दूर भरने वाला था
अंदर का 🔸ज़हर चूम लिया
अंदर का ज़हर चूम लिया🔸 धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे 🔸सब खुल के आ गए

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