डूब जाते है 🔸आँखों में ख्वाबो के सभी जहाज,
कोन कहता है आसू जरा 🔸सा पानी हैं…!
अजीब है🔸 ये दिल न तुझे भूलता है,
और न तुझे याद करना 🔸चाहता है !
मैं हो 🔸तो जाऊं पहले जैसा,
पर मुझे याद नहीं🔸 मैं था कैसा…!
बहुत मुश्किल🔸 से करते हैं तेरी यादों,
का🔸 कारोबार मुनाफा कम ही सही,
मगर गुजारा हो ही 🔸जाता है !
जुदा होकर🔸 भी सताने से बाज़ नहीं आते,
दूर रहकर भी वो दिल 🔸जलाने से बाज़ नहीं आते,
हम तो भूलना🔸 चाहते हैं हर एक याद उनकी,
मगर वो ख्वाबों में आने से भी 🔸बाज़ नहीं आते।