जिसकी जैसी सोच🔸 वह वैसी कहानी रखना है,
कोई परिंदे के लिए बंदूक तो कोई🔸 पानी रखता है!
अभी धूप निकलने🔸 के बाद भी जो सोया है,
वो ज़रूर तेरी याद में रातभर🔸 रोया है!
खामोशियां बेवजह🔸 नहीं होती,
कुछ दर्द आवाज छीन लिया 🔸करते है!
रोज पूछते थे🔸 मुझसे मेरा हाल,
आज कल किसी और🔸 से पूछ रही है!
जिनकी 🔸सबसे बनती है,
वो भरोसे के लायक🔸 नही होते!