Life sayari
कमाओ 🔸इतना की चीजे सस्ती लगे,
बड़े शहर भी आपको 🔸बस्ती लगे।
इस कदर🔸 मिले लोगो से, कि
हर किसी को आप एक 🔸हस्ती लगे।
Kamao itna🔸 ki cheeze sasti lage
Bade Shahar bhi aapko🔸 basti lage
Iss qadar 🔸mile logo se ki
Har kishi ko aap ek🔸 hasti lage
महानता कभी🔸 ना गिरने में नहीं है,
बल्कि हर बार गिरकर उठ 🔸जाने में है.
Mahanata🔸 kabhi na girne me nahi
Balki har bar girkar 🔸uth jane me hai
कोशिश 🔸करना न छोड़े,
गुच्छे की आखिरी🔸 चाबी भी
ताला🔸 खोल सकती हैं
Kosish karna na chode
Gucche ki aakhari chabi
Tala khol sakti hai
वक्त से लड़कर🔸 जो नसीब बदल दे,
इंसान 🔸वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी मत🔸 सोचो,
क्या पता 🔸कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल ले।
Waqt se🔸 ladkar jo naseeb badal de
Insan wahi jo apni 🔸taqdeer badal de
Kal kya🔸 hoga kabhi mat socho
Kya pta kal waqt khud🔸 apni tasveer badal de
धूप में निकलो,🔸 घटाओं मैं नहाकर देखो,
जिंदगी क्या है किताबों 🔸को हटाकर देखो ….
Dhoop me🔸 niklo ghatao me nahakar dekho
Zindgi kya hai kitabo🔸 ko hatakar dekho
काम करो ऐसा कि 🔸एक पहचान बन जाए,
हर कदम🔸 ऐसा चलो कि निशान बन जाए,
यहां जिंदगी तो हर कोई🔸 काट लेता है,
जिंदगी जियो🔸 इस कदर कि मिसाल बन जाए।
Kam karo 🔸esa ki pahachan ban jaye
Har kadam esa chalo 🔸ki nishan ban jaye
Yahan zindgi🔸 to har koi kat leta hai
Zindgi jio is qadar ki 🔸misal ban jaye
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गुलज़ार साहब ने अपने काम से पूरी दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ी है। गुलज़ार ने जिस गाने को छूआ उसको उन्होंने हमेशा के अमर कर दिया। गुलजार हिंदी शायरी के साथ एक बेहतरीन और प्रसिद्ध भारतीय गीतकार, कवि, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं । Hindi Shayari by Gulzar के इस ब्लॉग में आप जानेंगे इनकी सदाबहार शायरियों के बारे में। यह लोकप्रिय Hindi Shayari by Gulzar आपका मन मोह लेंगी। इस Blog में विस्तार से जानते हैं इनकी शायरियों के बारे में।
Love Shayari by Gulzar
खता उनकी 🔸भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस 🔸से वफ़ा करते !
वो मोहब्बत भी🔸 तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ🔸किससे माँगते..
वो शहर भी🔸 तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
तुम्हे जो याद🔸 करता हुँ, मै दुनिया 🔸भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर,🔸 सभँलना भूल जाता हूँ ।
शाम से 🔸आँख में नमी सी है
आज फिर आप 🔸की कमी सी है
मुझसे 🔸तुम बस मोहब्बत🔸 कर लिया करो,
नखरे करने में वैसे🔸 भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं!
हम तो समझे🔸 थे कि हम भूल 🔸गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस 🔸बात पे रोना आया?
हम समझदार 🔸भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़🔸 लेते हैं
और उनके🔸 दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन🔸 कर लेते है
2 lines gulzar shayari
जागना भी 🔸कबुल है तेरी यादों🔸 में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून🔸 है वो नींद में कहाँ!
तुमको ग़म के🔸 ज़ज़्बातों से 🔸उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए 🔸तो तुम्हें संभालेगा कौन!
तजुर्बा कहता 🔸है रिश्तों में 🔸फासला रखिए,
ज्यादा नजदीकियां 🔸अक्सर दर्द दे जाती है…
हम अपनों से🔸 परखे गए हैं🔸 कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही 🔸गया हमें शहरों की तरह….!
अपने साये से🔸 चौंक जाते हैं,
उम्र गुजरी है इस क़दर🔸 तनहा.
Gulzar shayari on life
आज मैंने🔸 खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे 🔸तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ 🔸पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको🔸बहुत दर्द दिया है।
इतना क्यों 🔸सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया 🔸गुजारनी है यहां
मिलता 🔸तो बहुत कुछ है
ज़िन्दगी🔸 में
बस 🔸हम गिनती उन्ही की
करते है जो 🔸हासिल न हो सका
तेरे बिना 🔸ज़िन्दगी से कोई
शिकवा🔸 तो नहीं
तेरे बिना पर ज़िन्दगी 🔸भी लेकिन
ज़िन्दगी🔸 तो नहीं
जिंदगी छोटी🔸 नहीं होती है,
लोग जीना ही देरी से 🔸शुरू करते हैं.
Heart touching gulzar shayari
मंजर भी 🔸बेनूर था और
फिजायें भी बेरंग🔸 थीं
बस फिर🔸 तुम याद आये
और मौसम सुहाना🔸 हो गया!
उनके दीदार🔸 के लिए दिल तड़पता है,
उनके इंतजार में दिल🔸 तरसता है,
क्या कहें 🔸इस कम्बख्त दिल को..
अपना हो कर किसी और 🔸के लिए धड़कता है।
महफ़िल में गले 🔸मिलकर वह धीरे🔸 से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है, इसे 🔸मुहोब्बत मत समझ लेना
कहीं किसी🔸 रोज यूं भी होता
हमारी हालत तुम्हारी🔸 होती
जो रातें हमने 🔸गुजारी मरके
वो रातें तुमने 🔸गुजारी होती
वो हमे भूल🔸 ही गए होंगे
भला 🔸इतने दिनों तक
कौन खफा🔸 रहता है..
इतने बेवफा🔸 नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार🔸 बहुत करते हैं।।
Gulzar sad shayari
तुम लौट कर🔸 आने की तकलीफ़🔸 मत करना,
हम एक ही मोहब्बत दो🔸 बार नहीं किया करते!
कभी जिंदगी एक🔸 पल में गुजर 🔸जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक 🔸पल नहीं गुजरता।
बहुत 🔸अंदर तक 🔸जला देती हैं,
वो शिकायते जो 🔸बया नहीं होती।
दिल अगर🔸 हैं तो दर्द 🔸भी होंगा,
इसका शायद 🔸कोई हल नहीं हैं।
तुझे 🔸पाने की जिद थी
अब भुलाने का🔸 ख्वाब है,
ना जिद🔸 पूरी हुई और
ना ही🔸 ख्वाब…इश्क़ की 🔸तलाश में
क्यों निकलते 🔸हो तुम,
इश्क़ खुद🔸 तलाश लेता है
जिसे बर्बाद 🔸करना होता है।मिल गया 🔸होगा कोई गजब🔸 का हमसफ़र,
वरना मेरा यार यूँ 🔸बदले वाला नहीं था!
तकलीफ़ ख़ुद 🔸की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद 🔸कम हो गईं
Gulzar Motivational Shayari
बदल जाओ 🔸वक़्त के साथ या व🔸क़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मतं कोसो, 🔸हर हाल में चलना सीखो!
कुछ 🔸अलग करना हो तो
भीड़ से हट के 🔸चलिए,
भीड़ 🔸साहस तो देती हैं
मगर पहचान 🔸छिन लेती हैं
एक ना एक दिन 🔸हासिल कर ही🔸 लूंगा मंजिल..
ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खा 🔸कर मर जाऊंगा।
All Gulzar Shayari
दौलत नहीं🔸 शोहरत नहीं,न 🔸वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो 🔸लफ़्जों की परवाह चाहिए
मेरी कोई 🔸खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा 🔸साबित कर
तुम्हें चाहा 🔸है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही🔸 सही
तू अपनी 🔸वफ़ा साबित कर।
मैंने मौत🔸 को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत 🔸खूबसूरत होगी।
कमबख्त 🔸जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ 🔸देता हैं।।
बहुत 🔸मुश्किल से करता हूं
तेरी यादों का कारोबार🔸 मुनाफा कम है
पर गुज़ारा हो🔸 ही जाता है
खुद की 🔸कीमत गिर🔸 जाती है
किसी को कीमती 🔸बनाने की
चाह में!
इतनी सी 🔸ज़िन्दगी है पर 🔸ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब 🔸पर इल्जाम बहुत है।।
उम्र जाया🔸 कर दी लोगो ने
औरों में नुक्स निकालते🔸 निकालते
इतना खुद को 🔸तराशा होता
तो 🔸फरिश्ते बन जाते
शायर बनना🔸 बहुत आसान हैं,
बस एक अधूरी मोहब्बत 🔸की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
गुलज़ार दर्द शायरी
एक सुकून🔸 सा मिलता है 🔸तुझे सोचने से भी,
फिर कैसे कह दूँ मेरा 🔸इश्क़ बेवजह सा है ।।
अजीब सी दुनिया🔸 है यह साहब,
यहां लोग🔸 मिलते कम एक दूसरे🔸 में झांकते ज्यादा है।।
जिसे पा 🔸नहीं सकते जरूरी नहीं ,
कि उसे प्यार करना भी🔸 छोड़ दिया जाए।।
तेरे बगैर किसी🔸 और को देखा नहीं मैंने,
सूख गया वो तेरा गुलाब 🔸लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
पहले लगता 🔸था तुम ही दुनिया हो,
अब लगता है तुम भी 🔸दुनिया हो।।
तो कभी🔸 हुआ नहीं,
गले भी लगे 🔸और छुआ नहीं।।
जरा ठहरो तो🔸 नजर भर देखु,
ज़मीं पे चांद कहां 🔸रोज-रोज उतरता है।।
आंसू बहाने से 🔸कोई अपना नहीं होता ,
जो अपना होता है वो 🔸रोने ही कहां देता है।।
एक बार फिर 🔸इश्क़ करेंगे हम,
अभी सिर्फ भरोसा उठा🔸 है जनाजा नहीं।।
मुझे खौफ🔸 कहां मौत का,
मैं तो जिंदगी से डर🔸 गया हूं।।
दोस्ती पर गुलज़ार की शायरियां
बेवजह है 🔸तभी तो दोस्ती है…
वजह होती तो साजिश 🔸होती…!!!
दुश्मनी में भी 🔸दोस्ती का सिला रहने दिया
उसके सारे खत जलाये 🔸बस पता रहने दिया
गये थे सोचकर 🔸कि बात बचपन की होगी
मगर दोस्त मुझे अपनी 🔸तरक्क़ी सुनाने लगे….
मैंने जिंदगी🔸 में दोस्त नहीं ढूँढे,
मैंने एक दोस्त में 🔸जिंदगी ढूँढी है.
तो यह थी गुलजार की कुछ प्रसिद्ध शायरी और कविताएं आशा करते हैं आपको जरूर पसंद आई होगी अगर आप इसी तरीके की Shayari, Status और Quotes पढ़ना पसंद करते हैं तो हमेशा गूगल पर HindiShayari.com सर्च करें.